राजस्थान की विभिन्न इकाइयों के प्राचीन नाम,Ancient Names of Rajasthan Units- राजस्थान की विभिन्न इकाइयों के प्राचीन नाम , Download Notes of Rajasthan Units Old Names in Hindi PDF, जांगल प्रदेश – बीकानेर और जोधपुर का उत्तरी भाग, यौध्देय – हनुमानगढ़ और गंगानगर के आस-पास का क्षेत्र, शूरसेन – भरतपुर धौलपुर करौली एवं अन्य क्षेत्रों के प्राचीन नाम यहां देखे
राजस्थान की विभिन्न इकाइयों (क्षेत्रों) (Ancient Names of Rajasthan Units) के प्राचीन नाम से संबंधित प्रश्न भी लगभग हर बार RPSC, RSMSSB, Rajasthan police Constable एवं अन्य Banks, Clerks की परीक्षाओं में आते है। राजस्थान में ऐसे कई प्राचीन क्षेत्र है जिनके प्राचीन नाम आदि से जुड़े प्रश्न परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते है।
आइए इस पोस्ट के जरिये हम आपको राजस्थान के प्रमुख क्षेत्रों के प्राचीन नाम के बारे में जानकारी दे। यह जानकारी आप नीचे दी गई PDF के जरिये डाउनलोड करके अपने कंप्यूटर, लैपटॉप अथवा मोबाइल में संग्रहित भी कर सकते है।
राजस्थान की विभिन्न इकाइयों के प्राचीन नाम (Ancient Names of Rajasthan Units)-
राजस्थान के कई ऐसे प्रमुख क्षेत्र रहे है जिनके प्राचीन नाम आज भी लोगो से सुने जा (Ancient names of Rajasthan Units)सकते है। बीकानेर और जोधपुर, हनुमानगढ़ और गंगानगर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, उदयपुर व अन्य ऐसे किसी प्रदेश है जिनके प्राचीन समय में अलग नाम थे। इस आर्टिकल में हमने ऐसे सभी क्षेत्रो के सूचीवर नाम दिए हुए है।
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- जांगल प्रदेश – बीकानेर और जोधपुर का उत्तरी भाग
- यौध्देय – हनुमानगढ़ और गंगानगर के आस-पास का क्षेत्र
- शूरसेन – भरतपुर धौलपुर करौली
- गिरवा – उदयपुर व आस पास की पहाड़ियों से घिरा हुआ क्षेत्र
- गोडवाड़ – दक्षिणी पूर्वी बाड़मेर जालौर व पक्षिमी सिरोही
- अहिछत्रपुर – नागौर
- राठ – अलवर जिले का हरियाणा से लगा हुआ क्षेत्र
- ऊपरमाल – भीलबाड़ा व चितोड़गढ़ का पठारी भाग जो ऊपरमाल के पठार से जाना जाता है
- कांठल देवलिया – प्रतापगढ़ व
- शेखावाटी – चूरू सीकर व झुंझुनू का क्षेत्र
- भोरट का पठारी क्षेत्र – उदयपुर जिले गोमुण्डा व राजसमन्द की कुंबलगढ तहसील
- मेरवाड़ा – अजमेर व राजसमंद जिले का दिवेर क्षेत्र
- खैराड़ एवं मलखेड़ा – भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर तहसील व अधिकांश टोंक जिला
- मतस्य क्षेत्र – अलवर धौलपुर भरतपुर व करौली
- ढूंढाड़ – जयपुर व आस पास का क्षेत्र
- मांड या वललभ देश – जैसलमेर
- वागड़ या वाग्वर – डुंगरपुर बांसवाड़ा प्रतापगड का क्षेत्र
- आबुर्द व चंद्रावती – सिरोही व आबू के आस पास का क्षेत्र
- मरुवार या मारवाड़ – जोधपुर के आस पास का क्षेत्र
- मेवल – डुंगरपुर बांसवाड़ा के मध्य का क्षेत्र का क्षेत्र
- मेवात – अलवर व आस पास का क्षेत्र
- तोरावाटी – शेखावाटी में कांतली नदी का अपवाह क्षेत्र जहाँ प्रारम्भ में तँवर ( तोमर ) वंशीय शासको का अधिपत्य रहा था
- हाड़ोती – कोटा झालावाड़ बूंदी बांरा
- बांगड़ / वांगर – पाली नागौर सीकर व झुंझुन का कुढा भाग
- भोमट क्षेत्र – डूंगरपुर पूर्वी सिरोही व उदयपुर जिले का अरावली पर्वतीय आदिवासी प्रदेश
- कुरु क्षेत्र – अलवर राज्य का उतरी भाग
- थली ( उतरी मरूभूमि ) – बीकानेर चूरू का अधिकांश भाग एवं दक्षिणी गंगानगर की मरुभूमि
- शिवि मेदपाट मेवाड़ – उदयपुर चितोड़गढ़ ( इस क्षेत्र का प्राचीन कल में प्राग्वाट भी कहते थे )
- माल – दक्षिणी पूर्वी पठारी प्रदेश
- साल्व देश – अलवर का इलाका
- मालाणी – बाड़मेर जालोर का क्षेत्र
- मालव देश – प्रतापगढ़ झालावाड़
- डांगक्षेत्र – धौलपुर करौली व सवाई माधोपुर का कुछ क्षेत्र
- मेरु – अरावली पर्वतीय प्रदेश
- गुर्जरत्रा – जोधपुर का दक्षिणी भाग ( मण्डोर )
- देशहरो – जरगा व राग पर्वतों के आस पास का क्षेत्र
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